उलूक टाइम्स: अराजकता
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बुधवार, 18 दिसंबर 2019

कि दाग अच्छे होते हैं



हमेशा
ढलती शाम
के
चाँद की
बात करना

और
खो जाना
चाँदनी में

गुनगुनाते हुऐ
लोरियाँ

सुनी हुयी
पुरानी कभी

दादी नानी
के
पोपले मुँह से

ऐसा
नहीं होता है

कि
सूरज
नहीं होता है

सवेरे का
कहीं

फिर भी
रात के
घुप्प अंधेरे में

रोशनी से
सरोबार हो कर

सब कुछ
साफ सफेद
का
कारोबार

करने वाले
ही
पूछे जाते हैं
हर जगह

जरूरी
भी हो जाता है

अनगिनत
टिमटिमाते
तारों की
चपड़ चूँ से
परेशान

चाँदनी
बेचने के
काम में
मंदी से हैरान

थके हुऐ से
भारी
बहीखातों
के
बोझ से
दबे

झुँझलाये
कुमह्लाये 

देव के
कोने कोने
स्थापित
देवदूतों में

काल
और
महाकाल

के
दर्शन
पा कर

तृप्त
हो लेने में
भलाई है

और
सही केवल

दिन के
चाँद को

और
रात के सूरज को
सोच लेना ही है

तारों की चिंता
चिता के समान
हो सकती है

करोड़ों
और
अरबों का
क्या है

कहीं भी
लटक लें
खुद ही

अपने
आसमान
ढूँढ कर

किसलिये
बाँधना है
अराजकता
को
नियमों से

अच्छा है
आत्मसात
कर लिया जाये

कल्पनाएं
समय के हिसाब से
जन्म ना ले पायें

उन्हें
कन्या मान कर

भ्रूण को
पैदा होने से
पहले ही
शहीद
कर दिया जाये

महिमा मण्डित
करने के लिये

परखनली
में
पैदा की गयी

कल्पनाएं

सोच में
रोपित की जायें

प्रकृति
के लिये भी
कुछ बंधन
बनाने की
ताकत है किसी में

वही
पूज्यनीय
हो जाये

अच्छा होगा
‘उलूक’
उसी तरह

जैसे
माना जाता है

कि
दाग
अच्छे होते हैं ।

चित्र साभार: https://www.jing.fm/

गुरुवार, 10 सितंबर 2015

छोड़ भी दे देख कर लिखना सब कुछ और कुछ लिख कर देख बिना देखे भी कुछ तो जरूर लिखा जायेगा


रात को सोया कर 
कुछ सपने वपने हसीन देखा कर 
सुबह सूर्य को जल चढ़ाने के बाद ही 
कुछ लिखने और लिखाने की कभी कभी सोचा कर 

देखेगा
सारा बबाल ही चला जायेगा 
दिन भर के कूड़े कबाड़ की कहानियाँ 
बीन कर जमा करने की आदत से भी बाज आ जायेगा 

छोड़ देगा सोचना 
बकरी कब गाय की जगह लेगी
कब मुर्गे को राम की जगह पर रख दिया जायेगा 

कब दिया जायेगा राम को फिर वनवास
कब उसे लौट कर आने के लिये मजबूर कर दिया जायेगा

ऐसा देखना भी क्या
ऐसे देखे पर कुछ लिखना भी क्या 

राजा के
अपने गिनती के बर्तनों के साथ
अराजक हो जाने पर अराजकता का राज होकर भी 
ना दिखे किसी भी अंधे बहरे को 

इससे अच्छा मौसम लगता नहीं ‘उलूक’ 
तेरी जिंदगी में फिर कहीं आगे किसी साल में दुबारा आयेगा 

छोड़ भी दे देख कर लिखना सब कुछ 
और कुछ लिख कर देख बिना देखे भी 
कुछ तो जरूर लिखा जायेगा । 

चित्र साभार: altamashrafiq.blogspot.com